जस्टिस कौल के आखिरी कार्य दिवस पर जस्टिस कौल के पोते आकर्षण का केंद्र रहे। पुरे कोर्टरूम में हंसी-ठिठोली का माहौल था। अपने आखिरी दिन जब जस्टिस कौल सेरेमोनियल बेंच में बैठे थे तब उनका पोता मास्टर अबीर जो करीब एक साल की उम्र का है कोर्ट में रोने लगा। सभी जज तथा वकीलों ने इस लम्हे का बहुत ही आनंद लिया। सबसे पहले भारत के अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरामनी ने खड़े होकर जस्टिस कौल के रिटायरमेंट पर भाषण पढ़ी और शुरुआत की कि "इस कोर्ट का सबसे छोटा सदस्य अपनी भाषा में कह रहा है कि जस्टिस कौल कोर्ट को तब तक मत छोड़ो जब तक मैं वकील न बन जाऊं"। और कचहरी में हंसी का दौर शुरू हो गया।
जब भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भाषण पढ़ाना शुरू किया तो एक बार फिर सब हंसने लगे जब उन्हें कहा कि जस्टिस कौल की मुस्कुराहट को याद किया जाएगा क्योंकि जस्टिस कौल याचिकाको को हंसते हंसते खारिज करते थे। वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने बताया कि जब वो जस्टिस कौल के साथ वकील थे तब वो चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, जस्टिस कौल लंच के बाद पान खाया करते थे। साल्वे ने कहा कि जस्टिस कौल ने बहुत सारी उपलब्धियां प्राप्त की हैं लेकिन सबसे बड़ी उपलब्धि आज कोर्ट में बैठी है वो है उनका पोता। वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि जस्टिस कौल के जाने से उनका पोता भी रो रहा है। सभी लोग फिर हसने लगे। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव रोहित पांडे ने कहा कि मास्टर अबीर इसलिए रो रहा है कि वो भी कोर्ट से जाना नहीं चाहता।
जब जस्टिस कॉल ने सभी का अभिनन्दन करते हुए अपना रिटायरमेंट भाषण पढ़ना शुरू किया और कहा की मैंने आजतक अपने कोर्ट की कार्यवाही को ख़राब नहीं होने दिया चाहे वो मेरा पोता ही क्यों न हो।
Lawyers association wants Harish Salve to vacate chamber in Supreme Court
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