केरल हाईकोर्ट की जस्टिस अनिल के नरेंद्रन और जस्टिस सी अस सुधा की डिवीज़न बेंच ने एक तलाक के एक मामले की अपील की सुनवाई (Mat. Appeal No. 513/2021) सुनवाई करते हुए मानसिकता क्रूरता को लेकर टिप्पणी की है। केरल हाईकोर्ट ने पत्नी की अन्य महिलाओं से तुलना करना और इस तरह की टिप्पणी करना कि वो उसकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रही है।
केरल हाईकोर्ट के पत्नी की प्रताड़ना को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि पत्नी की अन्य महिलाओं से तुलना करना भी मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है. केरल हाईकोर्ट ने ये भी कहा है कि पति की ओर से बार-बार ये ताना मारा जाना भी मानसिक क्रूरता है कि वो उसकी उम्मीद पर खरा नहीं उतर रही।
केरल हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी तलाक के एक मामले में सुनवाई करते हुए की. बताया जाता है कि एक व्यक्ति ने केरल हाईकोर्ट में तलाक के लिए याचिका दाखिल की थी। उस व्यक्ति की शादी 2019 में हुई थी. दोनों के बीच सुलह की कोशिशें विफल रही थीं. सुलह की सभी कोशिशें विफल रहीं तब मामला हाईकोर्ट पहुंच गया।
महिला ने केरल हाईकोर्ट में ये कहा कि उसका पति लगातार ये कहकर प्रताड़ित कर रहा था कि वह क्यूट नहीं है, वह उसकी उम्मीद के मुताबिक नहीं है इससे उसे निराशा होती थी. कोर्ट ने इस मामले में मध्यस्थता भी कराई और मध्यस्थ भेजकर दोनों पति-पत्नी को साथ लाने की कोशिश भी की।